बिहार केसरी

बिहार केसरी बाबू श्रीकृष्ण सिंह का जन्म शेखपुरा जिले के मौर गांव में 21 अक्टूबर 1887 को हुआ था.

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 08, 2023

बाबू श्रीकृष्ण सिंह

श्रीकृष्ण सिंह को बचपन से ही पढ़ने-लिखने और समाज सेवा का जुनून था.

श्रीकृष्ण सिंह

MA की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री प्राप्त की और अपने जिला मुंगेर में वकालत की प्रैक्टिस करने लगे.

गांधी जी से मुलाकात

श्रीकृष्ण सिंह के जीवन में सबसे बड़ा बदलाव तब आया, जब वह 1916 में पहली बार गांधी जी से मिलें.

चम्पारण सत्याग्रह

1917 में बिहार के चंपारण में हुए आंदोलन में भी बाबू श्री कृष्ण सिंह सबसे आगे थे.

नमक सत्याग्र

चंपारण सत्याग्रह की कामयाबी के बाद 1930 में उन्होंने नमक सत्याग्रह में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.

केंद्रीय असेम्बली सदस्य

1939 में श्रीकृष्ण सिंह को केंद्रीय असेम्बली का सदस्य बनाया गया.

बिहार के पहले मुख्यमंत्री

आजादी के बाद जब बिहार में सरकार गठन की बारी आई, तो श्री कृष्ण सिंह को पहला मुख्यमंत्री चुना गया.

आधुनिक बिहार के निर्माता

मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने बिहार के विकास के लिए बहुत से काम किए, इसलिए उन्हें आधुनिक बिहार का निर्माता भी कहा जाता है.

समाजसेवी

सरकार में रहते हुए उन्होंने जमींदारी प्रथा का समापन किया और दलितों को समान अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी.

विकास कार्य

श्री कृष्ण सिंह के शासनकाल के दौरान उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सारे मानक स्थापित किए.

बिहार में विकास

उस दौरान जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राज्यों में प्रगति की समीक्षा की, तो बिहार उसमें अव्वल आया.

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