वीर कुंवर सिंह

सन् 1777 में बिहार के भोजपुर जिले में जन्में वीर कुंवर सिंह राजा भोज के वंशजों में से एक थे.

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 04, 2023

वीर योद्धा

वह बचपन से ही एक वीर योद्धा थे और उन्हें गुरिल्ला युद्ध शैली में पारंगत थी.

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857)

अपने इसी रण कौशल का इस्तेमाल कर उन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) में अंग्रेजों के पसीने छुड़ा दिए थे.

लहराया जीत का परचम

वर्ष 1958 में वीर कुंवर सिंह ने जगदीशपुर के किले पर अंग्रेजों का झंडा उखाड़ कर वीरता का परचम लहराया था.

गंगा नदी

इसके बाद जब वो अपनी पलटन के साथ बलिया के पास शिवपुरी घाट से नाव में बैठकर गंगा नदी पार कर रहे थे, तो इसकी भनक अंग्रेजों को लग गई.

अंग्रेजों का हमला

मौका पाकर अचानक अंग्रेजो ने वीर कुंवर को घेर लिया और गोलीबारी करने लगे.

जख्मी हालत

इसी दौरान एक गोली वीर कुंवर के बायें हाथ में लग गई, जिसका जहर उनके पूरे शरीर में फैलता जा रहा था.

स्वाभिमान व्यक्ति

कुंवर सिंह नहीं चाहते थे कि वह जिंदा या मुर्दा किसी भी हालत में अंग्रेजों के हाथ लगे.

काटा खुद का हाथ

इसलिए उन्होंने अपने जख्मी हाथ को अपने ही तलवार से काट कर गंगा को समर्पित कर दिया.

साहसी योद्धा

घायल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और एक ही हाथ से ही अंग्रेजो का सामना किया.

गंभीर हालत

अंग्रेजों को धूल चटाकर जब वह 23 अप्रैल, 1858 को अपने महल लौटे, तो उनका घाव काफी ज्यादा गहरा हो गया था.

मृत्यु (Death)

भारत के बेटे वीर कुंवर ने 80 साल की उम्र में 26 अप्रैल, 1858 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.

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