12 जुलाई 1997 को जन्मी मलाला यूसुफजई एक पाकिस्तानी कार्यकर्ता हैं.
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Jul 12, 2023
तालिबानियों से पंगा
लड़कियों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए काफी कम उम्र में मलाला ने तालिबानियों से पंगा ले लिया था.
नोबेल शांति पुरस्कार
जिसके लिए उन्हें 17 साल की उम्र में 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
पाकिस्तानी कार्यकर्ता
मलाला की सक्रियता तब शुरू हुई जब वह महज 11 साल की थी.
ब्लॉग लिखा
पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान के कब्जे के दौरान उन्होंने नाम बदलकर BBC उर्दू के लिए ब्लॉग लिखा था.
गोली का शिकार
अक्टूबर 2012 में, जब मलाला स्कूल से घर लौट रही थी. तब एक तालिबानी ने उनके सिर में गोली मार दी थी.
चिकित्सा उपचार
इस हमले के बाद उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए यूनाइटेड किंगडम ले जाया गया.
दृढ़ संकल्प
यह जानलेवा हमला भी उनके दृढ़ संकल्प और सक्रियता को कम नहीं कर पाया.
संस्मरण
उन्होंने संस्मरण "आई एम मलाला: द स्टोरी ऑफ द गर्ल हू स्टूड अप फॉर एजुकेशन एंड वाज़ शॉट बाय द तालिबान" का सह-लेखन किया, जो 2013 में प्रकाशित हुआ और एक अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर बन गया.
पिता
मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई ने भी हमेशा अपनी बेटी का पूरा सपोर्ट किया.