Sanatan Dharma

सनातन धर्म के बारे में खूब चर्चा होती है और इसे सबसे पुरातन धर्म भी कहा जाता है. क्या आप जानते हैं इसकी उत्पत्ति कब हुई?

Gangesh Thakur
Sep 17, 2023

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सनातन सत् और तत् से मिलकर बना है, जिसका अर्थ यह और वह है.

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सनातन धर्म की उत्पत्ति की गणना कई लोग शास्त्रों के आधार पर तो कुछ लोग वेदों के आधार पर करते हैं.

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'अहं ब्रह्मास्मि और तत्वमसि' से सनातन को समझा जा सकता है. मतलब ब्रह्म पूर्ण है और यही सनातन है. यानी सत्य ही सनातन है.

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अब समझें कि सत्य तो ईश्वर, आत्मा, मोक्ष है. ऐसे में सनातन धर्म अनंत है जिसका न आदि है और न अंत है.

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ऐसे में अनंत और अनादि काल तक रहने वाले इसी धर्म को सनातन धर्म कहा गया है.

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सनातन का मूल सार पूजा,जप-तप,दान,सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा और यम-नियम हैं.

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सनातन धर्म में त्रिदेव यानी ब्रह्मा,विष्णु और महेश को प्रमुख आराध्य कहा गया है.

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सनातन धर्म के वेदों में ही सबसे पहले मोक्ष का वर्णन मिलता है. इसमें बताया गया है कि आत्मा की गति ही मोक्ष है, इसलिए इसमें पुनर्जन्म बताया गया है.

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