भगवान राम को पंचामृत का भोग न लगाने से पूजा अधूरी रहती है. इसलिए रामनवमी की पूजा के दौरान आप प्रभु को पंचामृत का भोग लगा सकते हैं.
भगवान राम के भोग में खीर भी शामिल की जा सकती है. मान्यता है कि जब राजा दशरथ के घर भगवान राम और उनके चार भाइयों का जन्म हुआ था, तो उस समय खीर ही बनाई गई थी. ऐसे में आप भगवान राम को खीर का भोग लगा सकते हैं.
अगर आप अपने परिवार में खुशहाली चाहते हैं, तो राम नवमी पर मीठे बेर और कंदमूल का भोग लगाएं. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान राम ने वनवास के दौरान कंदमूल का सेवन किया था. मान्यता है कि प्रभु को कंदमूल और बेर का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
भगवान श्रीराम के भोग के रूप में आप घर पर केसर भात बना सकते हैं. इसे बनाने से माना जाता है कि प्रभु को आर्थिक संकट से राहत मिलती है.
भोग लगाते समय 'त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर' मंत्र का उचार कर सकते है.
धनुषा धाम मंदिर नेपाल में स्थित है. जनकपुर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित धनुषा में एक मंदिर है, जहां शिव धनुष के टुकड़े की पूजा-अर्चना होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मिथिला नरेश राजा जनक ने वादा किया था कि वह सीता जी का विवाह उसी से करेंगे जो इस शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा.
भगवान राम ने सीता स्वयंवर के समय शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई थी. उस समय उस धनुष के तीन टुकड़े हो गए थे. शिव धनुष का बीच का भाग जहां गिरा, वह जगह धनुषा ही है. धनुष का टुकड़ा गिरने के कारण ही इस जगह का नाम धनुषा पड़ा.
स्थानीय लोगों के मान्यताओं के अनुसार शिव धनुष का मध्य भाग एक पीपल के पेड़ के पास गिरा है. उसी पेड़ के पास एक कुंड है, जिसे धनुष कुंड के नाम से जाना जाता है. शिव धनुष के मध्य भाग के टुकड़े के बारे में भी यह माना जाता है कि यह हर 5 से 7 साल में थोड़ा-थोड़ा बढ़ रहा है.