Marriage Facts: शादी के बाद दुल्हन को लाल जोड़े में ही क्यों किया जाता है विदा?
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Dec 08, 2024
लाल जोड़े
हिंदू रीति रिवाज से हुई शादी में अमूमन यही देखा जाता है कि लड़की की शादी लाल जोड़े में होती है. वहीं, उसकी विदाई भी लाल रंग के जोड़े में ही की जाती है.
वजह और महत्व
आखिर ऐसा क्यों, क्या है इसके पीछे की वजह और महत्व? चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
शुभ और मंगलकारी
लाल रंग को प्यार, करुणा, मिलन, जुनून, समृद्धि, और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है. यह रंग को बेहद शुभ और मंगलकारी होता है, इसलिए लड़की की शादी होने के साथ उसकी विदाई लाल रंग के जोड़े में ही होती है.
सौभाग्य का प्रतीक
लाल रंग ऊर्जा, साहस, त्याग, तपस्या, उत्साह, उमंग और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.
सुहाग की निशानी
लाल रंग को वैवाहिक जीवन की यात्रा का भी प्रतीक माना जाता है. इसे सुहाग की निशानी के रूप में देखा जाता है.
धार्मिक अनुष्ठान
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, धार्मिक अनुष्ठान के समय लाल, गुलाबी या पीले रंग के कपड़ों को पहनना बेहद शुभ होता है.
मां पार्वती
मान्यता है कि दुल्हन द्वारा लाल रंग के जोड़ा को पहनकर धार्मिक कार्य करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं. इससे शादीशुदा स्त्री पर मां पार्वती का आर्शीवाद हमेशा बना रहता है.
सती और पार्वती
पौराणिक मान्यताओं में लाल रंग से सती और पार्वती की ऊर्जा को व्यक्त किया गया है. इसलिए आज भी लड़कियों की शादी के साथ विदाई भी लाल रंग के जोड़े में ही होती है.
मां दुर्गा
हिंदू धर्म में मां दुर्गा को लाल रंग से दर्शाया जाता है. मां दुर्गा को शक्ति, प्रेम, शौर्य, ममता की मूरत माना जाता है.
सकारात्मक ऊर्जा
लाल रंग को सकारात्मक ऊर्जा से भरा माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जब दुल्हन लाल रंग का जोड़ा पहनती है, तो उसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
नकारात्मक ऊर्जा
लाल रंग को बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने वाला रंग माना जाता है. इसलिए शादी के दिन के साथ विदाई के दिन का जोड़ा लाल रंग का होता है.