15 अक्टूबर दिन रविवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और इन दिन मां दुर्गा की नौ शक्तियों की पूजा की जाती है.
आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं और यह नवमी तिथि तक चलते है.
माता की 9 दिन की पूजा और घट स्थापना के लिए भोग, श्रृंगार का सामान, हवन, रोली, अक्षत समेत कई पूजा में प्रयोग की जाने वाली चीजों की आवश्यकता होती है.
नवरात्रि शुरू होने से पहले ही पूजा सामग्री लाकर रख लें तो नवरात्रि में पूजन करते समय कोई परेशानी नहीं होगी.
शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना यानी घट स्थापना का मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजरकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर होगा.
कलश स्थापना में मौली, कलश और पांच आम के पत्ते, रोली, सिक्का, शुद्ध मिट्टी, लाल कपड़ा, गेहूं, गंगाजल और अक्षत की आवश्यकता होती है.
पीतल या मिट्टी का दीपक, जौ या गेहूं, जटा वाला नारियल, रूई, बत्ती की आवश्यकता होती है.
शारदीय नवरात्रि में माता का श्रृंगार किया जाता है. इसके लिए लाल चुनरी, चूड़ी, पायल, कान की बाली, सिंदूर, महावर, बिंदी, काजल, लाली, इत्र, मेंहदी, फूल माला, बिछिया आदि श्रृंगार का समान आप को खरीदना पड़ेगा.