नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती है.
इस दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जा सकता है.
आप चाहे किसी भी तरह का उपवास क्यों न करें, लेकिन बार-बार और बहुत ज्यादा नहीं खाना चाहिए. इससे व्रत का फल नहीं मिलता.
नवरात्रि व्रत के दौरान भोजन पकाने के लिए सफेद नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें.
साथ ही नवरात्रि की सप्तमी तिथि को ताड़ का फल, अष्टमी तिथि को नारियल और लाल साग नहीं खाना चाहिए.
वहीं नवमी तिथि को लौकी का सेवन न करें, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन करना गौ मांस के सेवन के समान माना गया है.
लहसुन प्याज जैसे तामसिक भोजन के साथ ही मांस-मछली का भी सेवन नहीं करना चाहिए.
इस दौरान आपके मन में कोई बुरे विचार, दूसरों के प्रति ईर्ष्या का भाव नहीं होना चाहिए.
साथ ही पूर्णतः ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और झूठ नहीं बोलना चाहिए.