संसद के सेंट्रल हॉल को एंथुरियम पौधे से सजाया गया है. इस फूल ने हॉल की खूबसूरती में चांद-चांद लगा दिए है.
सेंट्रल हॉल के मंच पर लाल, सफेद और हरे रंग का फूल लगाया गया है.
अगर बात करें एंथुरियम पौधा की तो यह रीयूनियन द्वीप और वेस्ट इंडीज में भी पाया जाता है. अब इस पौधे के खेती भारत में भी हो रही है.
एंथुरियम एक खूबसूरत सजावटी फूल है. इसकी खेती फूल और पत्तियों दोनों के लिए होती है और इसकी मांग बढ़ रही है.
एंथुरियम के फूल कई रंगों में मिलते हैं जैसे लाल, सफेद, नारंगी, हरे, गुलाबी, बैंगनी और बहुरंगी आदि.
एंथुरियम की खेती पॉलीहाउस में की जाती है. पॉलीहाउस में तापमान 15 से 28 डिग्री के बीच होना चाहिए.
एंथुरियम की खेती किसी भी मिट्टी में की जा सकती है. मिट्टी का पीएच मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए.
एंथुरियम के पौधों में हफ्ते में दो बार खाद दी जाती है. दो तरह की खाद का उपयोग होता है, जिसमें कैल्शियम नाइट्रेट, पोटैशियम, और आयरन शामिल हैं.
एंथुरियम के पौधों में कीटों का हमला तेजी से होता है. हर 7 से 8 दिनों के अंतराल पर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.