गया में ही क्यों करते हैं पिंडदान? जानें इसके पीछे का रहस्य

K Raj Mishra
Sep 13, 2023

इस साल पितृपक्ष 29 सितंबर 2023 को शुरू होगा और 14 अक्टूबर तक रहेगा.

मान्यता है कि पितृपक्ष में पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं. इस महीने में तर्पण और श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं.

पितृपक्ष में लाखों लोग बिहार के गया में आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान करेंगे.

मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से पूर्वजों का उद्धार हो जाता है.

गरुड़ पुराण में भी ​गया में पिंडदान करने को विशेष बताया गया है.

गरुड़ पुराण के मुताबिक, गया में पितृ देवता के रूप में भगवान श्रीहरि विराजमान हैं.

इसलिए गया को पितृ तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है.

भगवान राम और माता सीता ने गया में जाकर पिता दशरथ का पिंडदान किया था.

पिंडदान के बाद राजा दशरथ की आत्मा को शांति मिली थी और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी.

इसी के कारण गया में पिंडदान करने को महत्वपूर्ण माना गया है.

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