रक्षाबंधन पर ही जनेऊ (यज्ञोपवीत) बदलने की भी परंपरा है.

K Raj Mishra
Aug 27, 2023

हिंदू धर्म में इसके बगैर विवाह का संस्कार नहीं होता है.

मान्यता है कि जनेऊ के धागे साक्षात् ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं.

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जनेऊ पहनने से बुरे सपने नहीं आते हैं.

जनेऊ पहनने से व्यक्ति के पास बुरी शक्तियां नहीं आती और मन बुरे काम में नहीं लगता.

जनेऊ को सावन पूर्णिमा पर श्रवण नक्षत्र में संकल्प के साथ बदलने की मान्यता है.

कहते हैं कि इससे लाइफ में सालभर पॉजिटिविटी बनी रहती है.

मान्यताओं के अनुसार, सावन पूर्णिमा के अलावा यदि यज्ञोपवीत सरककर बाएं हाथ से नीचे आ जाए, टूट जाय और अशुद्ध हो जाए, तब बदल देना चाहिए.

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