भगवान की पूजा में जल का क्या है महत्व, जानिए समृद्धि लाने के लिए कैसे करें इसका प्रयोग

Saurabh Jha
Jun 30, 2024

पूजा में जल का महत्व:

हिंदू धर्म में जल का महत्व न केवल पूजा-पाठ में है बल्कि वास्तु नियमों में भी इसे महत्वपूर्ण माना गया है. पूजा घर में जल का लोटा रखने से समृद्धि आती है.

भोग के साथ जल:

भगवान को भोग के साथ जल अर्पित करना जरूरी होता है. इससे भोग पूर्ण माना जाता है और घर में सुख-समृद्धि आती है.

धन वैभव का प्रतीक:

शास्त्रों में जल को अमृत समान माना गया है. यह धन और वैभव का प्रतीक है, इसलिए पूजा की दूसरी सामग्री के साथ जल का लोटा स्थापित किया जाता है.

ताांबे के लोटे का महत्व:

पूजा घर में तांबे के लोटे में जल रखना अत्यधिक शुभ माना जाता है. यह नेगेटिविटी को दूर करता है और पॉजिटिव ऊर्जा का संचार करता है.

ईशान कोण में जल:

जल के लोटे को हमेशा ईशान कोण में रखा जाना चाहिए. इससे घर में शुद्धता बनी रहती है और अशुद्धियां दूर होती हैं.

वरुण देव की स्थापना:

जल को वरुण देव के रूप में पूजा जाता है. यज्ञ आदि में जल के कलश की स्थापना का खास महत्व होता है. तुलसी या आम के पत्ते डालकर जल को पवित्र किया जाता है.

आचमन का महत्व:

कोई भी पूजा-आरती बिना आचमन के अधूरी मानी जाती है. मंदिर में जल का लोटा रखने से आरती संपन्न होने के बाद जल से आचमन किया जा सकता है.

तुलसी दल का उपयोग:

पूजा के लिए रखे गए जल में तुलसी दल डालकर रखा जाता है. यह जल को अधिक पवित्र बनाता है और नेगेटिव एनर्जी को दूर करता है.

पवित्र नदियों का जल:

जल के लोटे में पवित्र नदियों का जल मिलाया जा सकता है. इसे घर में छिड़कने से सकारात्मकता आती है.

धार्मिक आस्था और मान्यताएं:

ऐसा माना जाता है कि अगर रात भर रखा गया पवित्र जल सुबह मुख्य द्वार पर छिड़का जाए, तो देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.

Disclaimer:

इस जानकारी का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है. इसे बस सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है.

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