दिशाशूल

चारों दिशाओं के शुभ और अशुभ प्रभाव दिशाशूल पर ही निर्भर होते हैं.

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
May 22, 2023

अशुभ

जिस दिशा में शूल लगा हो उस दिशा में यात्रा करने से आपके बनते काम भी बिगड़ सकते हैं या कोई अशुभ घटना हो सकती है.

दिशाशूल को देखना

यही वजह है कि बड़े बुर्जुग घर से यात्रा के लिए निकलने से पहले दिशाशूल को देखने की सलाह देते हैं.

घर लौटने पर

हालांकि, यात्रा से लौटकर घर पर वापस आने के लिए दिशाशूल को देखने की जरूरत नहीं होती है.

दिशाशूल

सप्ताह के अलग-अलग दिनों में अलग-अलग दिशाओं में शूल लगता है.

पूर्व दिशा शूल

सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में दिशाशूल माना जाता है. इसलिए इन दोनों दिनों में पूर्व दिशा में यात्रा न करें.

उपाय

बहुत जरूरी काम हो तो सोमवार को दर्पण देखकर और शनिवार को अदरक या उड़द की दाल खाकर यात्रा पर जा सकते हैं.

उत्तर दिशा शूल

मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा में दिशाशूल लगता है.

उपाय

मंगलवार को घर से थोड़ा सा गुड़ और बुधवार को तिल और धनिया खाकर निकलने से दिशा शूल का अशुभ प्रभाव कम होगा.

दक्षिण दिशा शूल

गुरुवार को दक्षिण दिशा में दिशाशूल माना जाता है. इस दिन दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचें.

उपाय

बहुत जरूरी होने पर आप दही खाकर घर से बाहर जा सकते हैं.

पश्चिम दिशा शूल

शुक्रवार और रविवार को पश्चिम दिशा और दक्षिण-पश्चिम कोण में दिशाशूल होता है.

उपाय

शुक्रवार को जौ खाकर और रविवार को दलिया या फिर घी खाकर यात्रा पर जा सकते हैं.

उत्तर-पूर्व कोण

बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व कोण में दिशाशूल होता है

उत्तर-पश्चिम कोण

वहीं मंगलवार को उत्तर-पश्चिम कोण में दिशाशूल माना जाता है

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