Neem ka Patta: नीम के पत्ते कड़वे क्यों होते हैं, क्यों नहीं होते मीठे?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Apr 09, 2024

Neem ka Patta

नीम का पत्ता सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ ही मच्छरों को घर से दूर करने में भी सहायक होता है. एंटी फंगल और एंटी वायरस होने की वजह से नीम के पत्ते से आने वाली गंध से मच्छर भाग जाते हैं. नीम के पत्तों को जलाकर धुआं करने से मच्छरों को अपने घर से दूर भगाया जा सकता है.

Neem ka Patta

सुबह खाली पेट पानी नीम की पत्तियों का सेवन करने से पेट की समस्याएं दूर हो सकती हैं. नीम के पत्ते सर्दी-जुखाम जैसी बीमारियों को दूर करने में लाभकारी हो सकते हैं.

Neem ka Patta

अगर आप चाहें तो नीम की पत्तियों को तवे पर सूखा भूनकर हाथों से मसलकर उनमें लहसुन और सरसों का तेल मिला सकते हैं. इसको चावल के साथ खा भी सकते हैं. यह सेहत के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है.

Neem ka Patta

दरअसल, नीम के पत्तों को आमतौर पर पीसकर पेस्ट बनाकर उसके निकलने वाले रस का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, सबसे अच्छा होता है कि नीम की ताजे पत्ते के रस का सेवन किया जाए.

Neem ka Patta

नीम के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल क्वालिटी होती हैं, जो इंफेक्शन, जलन और स्कीन की किसी समस्याओं का इलाज करने के लिए यूज किया जाता है.

Neem ka Patta

नीम के पत्तों में मौजूद गैडुनिन मलेरिया जैसे रोग के इलाज में सबसे ज्यादा काम में आता हैं. डॉक्टर भी मलेरिया की बीमारी होने पर नीम के पत्ते का सेवन करने की सलाह देते हैं.

Neem ka Patta

आयुर्वेदिक के अनुसार, नीम के पत्तों में एंटीबायोटिक मौजूद होता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है.

Neem ka Patta

नीम के पत्तों में गैडुनिन और विटामिन सी पाया जाता है. यही वजह है कि नीम के पत्ते कड़वे हो जाते हैं. अगर कोई बायोनिस्ट नीम के पत्तों की कड़वाहट को कम करने का प्रयास करता है तो इसके एंटीबैक्टीरियल क्वालिटी भी कम हो जायेगी.

Neem ka Patta

नीम एक एंटीबैक्टीरियल आयुर्वेदिक औषधि है. इसे सेहत का खजाना भा कहा जाता है. नीम के पत्तों को सुबह-सुबह खाने से बहुत लाभ मिलता है.

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Disclaimer: नीम के पत्तों को सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी होगा.

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