Govardhan Puja 2023: दिवाली के अगले दिन क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा?

Govardhan Puja

दिवाली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है.

Why govardhan puja is celebrated?

इस दिन घर के बाहर गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है, लेकिन क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है? अगर नहीं तो आइए हम बताते हैं.....

Pauranik Katha

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ब्रज में ब्रजवासी पूजन कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हुए थे.

Shri Krishna

भगवान श्रीकृष्ण ये सब देखकर व्याकुल हो जाते हैं और अपनी माता यशोदा से पूछते हैं- मैया, ये सब ब्रजवासी आज किसकी पूजा की तैयार में लगे हैं.

Maa Yashoda

तब यशोदा माता ने कृष्ण जी को बताया कि ये सब इंद्र देव की पूजा की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि वो वर्ष करते हैं तभी हमें अन्न और गायों को चारा मिल पाता है.

Indradev

इस बात पर कृष्ण जी ने कहा कि इंद्रदेव का वर्षा करना कर्तव्य है. उनकी पूजा की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि गोवर्धन पर्वत पर गायें चरती हैं.

Govardhan Parvat

इसके बाद सभी ब्रजवासी इंद्रदेव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे.

Barish

श्री कृष्ण की इस बात से इंद्रदेव क्रोधित हो गए और मूसलाधार बारिश करने लगे, जिस वजह से हर तरफ कोहराम मच गया.

Vrajvasi

तब श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव का अहंकार तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठा लिया, जिसके नीचे सभ ब्रजवासियों शरण ली.

Govardhan Parvat ki Puja

इसके बाद इंद्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से माफी मांगी. तब से गोवर्धन पर्वत की पूजा की परंपरा चली आ रही है.

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