Jahaz Mahal History

दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित 'जहाज महल' आज भी पुराने इतिहास को समेटे हुए शान से खड़ी है, लेकिन अब ये लोगों और सरकार दोनों की निगाह से दूर होने लगा है.

हौज-ए-शम्सी

जहाज महल को महरौली में हौज-ए-शम्सी यानी एक झील के पास बनवाया गया था. मगर झील अब सूख गई है. इसी शम्सी झील की वजह से इसका नाम जहाज महल पड़ा.

ऐसा है जहाज महल का नजारा

वैसे तो यह महल अब खंडहरों में तब्दील हो गया है, लेकिन पुरानी वास्तुकला और कारीगरी को करीब से देखा जा सकता है.

फूलों का मेला

बेहद ही कम लोग जानते हैं कि दिल्ली के महरौली में स्थित इस जहाज महल में हर साल फूलों का मेला लगता है.

विदेशी मेहमानों का ठिकाना

इतिहास से के मुताबिक, लोदी सल्तनल ने जहाज महल को विदेशी मेहमानों के ठहरने के लिए बनवाया था.

इस्लाम तीर्थयात्री

अफगानिस्तान, अरब, ईरान, इराक, मोरक्को और तुर्की से बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों आकर जहाज महल में ठहरा करते थे.

क्योंकि, उस दौर में तमाम इस्लाम धर्म के तीर्थयात्रियों का दिल्ली में आना-जाना रहता था.

ऐसा है छत से नजारा

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