दिल्ली के मध्य में स्थित जंतर मंतर प्रमुख ऐतिहासिक स्थानों में से एक है.

18वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह II ने इसका निर्माण करवाया था.

जंतर मंतर एक विशाल वेधशाला है, जिसे टाइम और स्पेस के अध्ययन में मदद और सुधार के लिए बनाया गया है.

दिल्ली के जंतर मंतर में 13 वास्तुशिल्प खगोल विज्ञान उपकरण शामिल हैं

इनका उपयोग खगोलीय तालिकाओं को संकलित करने और सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की गति और समय की भविष्यवाणी करने के लिए किया जा सकता है.

पर्यटक ऐतिहासिक महत्व और जटिल खगोलीय उपकरणों को देखने के लिए घूमने आते हैं.

जयपुर के महाराजा जय सिंह II को इन खगोलीय प्रक्षीणों और सभी प्रणालियों के अध्ययन में गहरी दिलचस्पी थी.

उन्होंने मुहम्मद शाह के निर्देश पर जंतर मंतर का निर्माण करवाया था.

जंतर मंतर को ईंटों, मलबे से निर्मित और फिर चूने से प्लास्टर किए गए, इन उपकरणों को समय-समय पर बिना किसी महत्वपूर्ण बदलाव के पुनर्स्थापित किया गया है.

जंतर मंतर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पर्यटकों के लिए खेला जाता है, जिसकी एंट्री फीस मात्र 25 रुपये है.

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