भारतीय इतिहास की सबसे शक्तिशाली महिलाएं

Divya Agnihotri
Jun 05, 2024

इंदिरा गांधी

इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, जिन्होंने लगातार तीन कार्याकाल चक PM पद संभाला. 1999 में उन्हें 'वुमन ऑफ द मिलेनियम' नामित किया गया था.

कल्पना चावला

कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं. 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद लौटते समय उनका यान क्षतिग्रस्त हो गया. इस हादसे में कल्पना चावला की मौत हो गई.

सावित्रीबाई फुले

सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं. इसके साथ ही उन्होंने पति ज्योतिराव फुले के सहयोग से मिला सशक्तिकरण के लिए काम किया.

अहिल्याबाई होल्कर

अहिल्याबाई को इतिहास की सबसे बेहतरीन महिला शासकों में से एख माना जाता है. उन्होंने अपने पति और ससुर की मौत के बाद न सिर्फ राज्य का बागडोर संभाली बल्कि हथियार लेकर सेना का भी नेतृत्व किया. उनके शासनकाल में कभी मालवा पर हमला नहीं हुआ.

सरोजिनी नायडू

भारत की आजादी की लड़ाई में सरोजिनी नायडू का महत्वपूर्ण योगदान रहा. साथ ही वो भारत की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं. सरोजिनी नायडू कवित्री भी थीं, जिसकी वजह से महात्मा गांधी उन्हें 'भारत की कोकिला' की उपाधि दी थी.

अरुणा आसफ अली

अरुणा आसफ अली ने भी देश की आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. नमक सत्याग्रह के दौरान वो सार्वजनिक जुलूसों में भी सक्रिय रहीं. अरुणा आसफ अली दिल्ली की पहली मेयर बनीं, उन्हें साल 1992 में पद्म विभूषण और 1997 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

सुचेता कृपलानी

स्वतंत्रता सेनानी सुचेता कृपलानी को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. महात्मा गांधी ने उनके बारे में लिखा है कि 'एक दुर्लभ साहस और चरित्र की महिला जिसने भारतीय नारीत्व को गौरव दिलाया'. सुचेता कृपलानी आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं.

लक्ष्मी सहगल

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लक्ष्मी सहगल सुभाष चंद्र आजाद की आजाद हिंद फौज की महिला इकाई की पहली कैप्टन रहीं . 1998 में उन्हें भारत सरकार द्वारा उल्लेखनीय सेवाओं के लिए पद्म विभूषण से भी सम्मनित किया गया.

अन्ना चांडी

न्यायमूर्ति अन्ना चांडी 1937 में भारत की पहली महिला न्यायाधीश बनीं और साल 1959 में भारत में पहली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनीं.

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