गुमनामी में हुई थी वारेन एंडरसन की मौत; Bhopal Gas Tragedy का था दोषी

Abhinaw Tripathi
Dec 02, 2024

Bhopal Gas Tragedy

मानवता के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक भोपाल गैस त्रासदी कई दशकों का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी लोगों के जेहन में उस खौफनाक मंजर की तस्वीर बन जाती है. इस हादसे के दोषी की मौत गुमनामी में हुई थी, जानिए कैसे.

दिसंबर 1984

दिसंबर 1984 की दरमियानी रात हुए इस हादसे में आधिकारिक तौर पर तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, हालांकि लोगों की मानें तो 25 हजार लोगों की जानें गई थी.

यूनियन कार्बाइड कंपनी

इस त्रासदी से उपजी गंभीर बीमारियों से मारे गए थे. भोपाल की यूनियन कार्बाइड कंपनी से घातक गैस का रिसाव हुआ और उसने कुछ ही देर में पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया था.

वारेन एंडरसन

यूनियन कार्बाइड कंपनी का सीईओ अमेरिकी कारोबारी वारेन एंडरसन था. भोपाल गैस त्रासदी के बाद पूरे देश में वारेन एंडरसन को दोषी मानते हुए सजा देने की मांग हुई थी

बचकर निकला

6 दिसंबर 1984 में वारेन एंडरसन भारत आया था. दिल्ली से वह भोपाल पहुंचा था, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि बाद में वह बच निकलने में कामयाब हो गया था.

छोड़ने का अनुरोध

कहा जाता है कि वारेन एंडरसन की गिरफ्तारी के बाद अमेरिकी सरकार ने तत्कालीन राजीव गांधी सरकार पर दबाव बनाया था. वारेन एंडरसन को छोड़ने का अनुरोध किया था.

जिंदगी भर

एंडरसन ने कहा था उसे हादसे का बहुत दुख है और वह अक्सर सुबह उठते हुए यह सोचता है कि क्या ऐसा हो गया है? लेकिन ये ऐसी चीज है, जिससे उसे अब पूरी जिंदगी जूझना होगा.

नर्सिंग होम में मौत

29 सितंबर 2014 को वारेन एंडरसन की गुमनामी में मौत हो गई थी. वारेन एंडरसन की मौत फ्लोरिडा के वेरो बीच इलाके के एक नर्सिंग होम में हुई थी.

भुगतान

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूनियन कार्बाइड ने भारत सरकार को हादसे के मुआवजे के तौर पर 470 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था.

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