छत्तीसगढ़ में यहां बराती बन गए थे पत्थर; दिलचस्प है इतिहास

Abhinaw Tripathi
Oct 18, 2024

History of Bartiyabhata

छत्तीसगढ़ अपनी रहस्यमयी चीजों के लिए जाना जाता है. छत्तीसगढ़ में कई ऐसी जगहें हैं जहां पर अपने आप में रहस्यमयी है, ऐसी ही एक जगह के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जहां कहा जाता है कि यहां बराती पत्थर बन गए थे, जानिए वजह.

महासमुंद

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक ऐसा गांव है जहां श्राप की वजह से 150 बाराती पत्थर में तब्दील हो गए थे.

बसना ब्लॉक

राजधानी रायपुर से लगभग 150 किलोमीटर दूर बसना ब्लॉक के इस गांव के नामकरण का कोई निश्चित प्रमाण नहीं है. मगर आज भी ग्रामीणों के द्वारा इसको लेकर कई कहानियां सुनाई जाती हैं.

बरतियाभांठा

बरतियाभांठा दो शब्दों के संयोग से बना है, पहला- बरतिया जिसका अर्थ होता है स्त्री-पुरुष का मिलन या विवाह, और दूसरा भांठा- गांव या स्थान.

रहस्यमयी

बारातियों के समान आकृति वाले पत्थरों के कारण इस गांव का यह नाम पड़ा है. लगभग एक हज़ार की आबादी वाले इस गांव के बारे मे कई रोचक और रहस्यमयी कहानियां प्रचलित हैं.

ऋषियों का आश्रम

कहा जाता है कि प्राचीनकाल में यहां ऋषियों का आश्रम हुआ करता था. एक बार आश्रम के पास एक बारात रात्रि भोज और विश्राम के लिए रुकी थी.

बारातियों से भोजन

ऋषियों के द्वारा बारातियों से भोजन का आग्रह किए जाने पर बारातियों ने उनका अपमान किया. इससे क्रोधित होकर ऋषियों ने सभी बरातियों को पत्थर हो जाने का श्राप दे दिया.

मूर्तियों में तब्दील होना

कुछ लोग बताते हैं कि ठाकुरों की बारात वापसी के समय यहां विश्राम करने के लिए रुकी थी. किसी गलती के परिणामस्वरूप देवयोग से सभी लोग और वस्तुएं पत्थर की मूर्तियों में तब्दील हो गये.

बाराती पत्थरों का स्थान

इसके कारण इस स्थान का नाम बाराती पत्थरों का स्थान या बरतियाभांठा पड़ा. जानकार बुजुर्ग आज भी इन पत्थरों के अद्भुत कारनामों को बड़े उत्साह से सुनाते हैं.

पत्थरों से दर्द

वो कहते हैं कि पहले इन पत्थरों से दर्द से कराहने की आवाज आती थी. साथ ही, सुबह-शाम इनसे रहस्यमयी सुगंध आया करती थी

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