छत्तीसगढ़ में यहां स्थित है गुफाओं का नगर; त्रेता युग से जुड़ा है इतिहास
Abhinaw Tripathi
Oct 19, 2024
Chhattisgarh Tourist Place
छत्तीसगढ़ रहस्यमयी चीजों के लिए जाना जाता है. यहां पर कई ऐसी गुफाएं हैं जो रहस्यों से भरी हुई है. ऐसे ही हम बात करने जा रहे हैं गुफाओं के नगर के बारे में, जिसका इतिहास त्रेतायुग से जुड़ा हुआ है.
बस्तर
छत्तीसगढ़ में गुफाओं का नगर कहा जाने वाला बस्तर जिले का दरभा ब्लॉक जगदलपुर शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
कांगेर वैली नेशनल पार्क
इस दरभा ब्लॉक में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क में 4 गुफा विश्व प्रसिद्ध हैं.
कार्ल्सवार ऑफ केव
खासकर कुटुमसर गुफा को पाताल लोक कहा जाता है और इसकी तुलना अमेरिका में मौजूद "कार्ल्सवार ऑफ केव" से की जाती है.
शीत गुफा
दरभा ब्लॉक में मौजूद 10 गुफाओं में कांगेर वैली नेशनल पार्क में ही कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा, दंडक गुफा और अरण्यक गुफा के अलावा शीत गुफा मौजूद है.
डूमर करपन गुफा
इसके अलावा मांदर गुफा, देवगिरी गुफा, हरि गुफा, झूमर गुफा और डूमर करपन गुफा और अन्य गुफाएं दरभा ब्लॉक के अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूद हैं.
हरी गुफा में
कहा जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता दंडकारण्य से होकर ही तेलंगाना के भद्राचलम पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने हरी गुफा में समय बिताया था.
6 गुफाओं को
तब से इस क्षेत्र को गुफाओं का नगर कहा जाने लगा. हालांकि 10 गुफाओं में से केवल 6 गुफाओं को आम पर्यटकों के लिए साल में सिर्फ 6 महीने तक ही खोला जाता है.
सिलसिला
बारिश के महीने में इन गुफाओं में पर्यटकों का जाना मना होता है. वहीं ठंड के मौसम के साथ ही इन गुफाओं को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों के बस्तर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है.