बस्तर की इस गुफा में पाई जाती हैं अंधी मछलियां; ये है इतिहास
Abhinaw Tripathi
Oct 07, 2024
Chhattisgarh Tourist Place
छत्तीसगढ़ राज्य रहस्यों से भरा हुआ है, यहां पर कई रहस्यमयी जगहें है, ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं एक ऐसी गुफा के बारे में जहां पर अंधी मछलियां पाई जाती है.
बस्तर
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में जमीन से 55 फीट नीचे 330 मीटर तक लंबी गुफाएं फैली हुई हैं
कुटुमसर गुफाएं
यहां पर चूना पत्थर से बनी कुटुमसर गुफाएं अपने रहस्यों के लिए काफी ज्यादा फेमस है.
अंधी मछलियां
कुटुमसर गुफाओं में अंधी मछलियां पाई जाती हैं, जो काफी ज्यादा चर्चा का विषय बनी रहती हैं.
हुई थी खोज
बस्तर डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर से दूर कुटुमसर गुफाओं की खोज बिलासपुर के रहने वाले प्रोफेसर शंकर तिवारी ने 1958 में की थी.
लाल
इस गुफा के अंदर बने पोखरों में आंखों से न देख सकने वाली मछलियां पाई जाती हैं, इनका रंग खून की तरह लाल होता है.
सूरज की रोशनी
बस्तर के साउथ वेस्ट में मौजूद इन कुटुमसर गुफाओं में सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती, इस वजह से यहां आने वाला व्यक्ति पूरी तरह अंधा महसूस करता है
सर्दियों में
टूरिस्ट स्पॉट बन चुकी कुटुमसर गुफा के दरवाजे प्रशासन की ओर से सर्दियों यानी दिसंबर के नजदीक खोले जाते हैं.
घूमने फिरने के शौकीन
ये गुफा जगदलपुर रेलवे स्टेशन से काफी नजदीक है, ऐसे में अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं तो यहां पर जा सकते हैं.