जब रावण बना था भगवान राम का आचार्य, जानें दशहरा से जुड़ी ये दिलचस्प कहानी

Oct 19, 2023

Dharmik Kahani

भगवान के जीवन से जुड़ी बहुत सी कहानियां प्रचलित हैं. इनमें से हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान राम की रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना से जुड़ी कहानी.

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रानी कैकयी के वरदान मांगने के बाद भगवान राम का भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ वन गमन हो जाता है.

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भगवान राम दंडकारण्य में कुटिया बनाकर रहने लगते हैं. यहां से एक बार एक सोने का मृग गुजरता है.

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जिसकी खोज में प्रभु राम चले जाते हैं लेकिन वो मृग मायावी था, इसी समय माता सीता का हरण हो जाता है.

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भगवान राम और लक्ष्मण और व्याकुल मन से माता सीता की तलाश करने के लिए वन - वन भटकने लगते हैं.

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वन- वन टहलने के बाद भगवान राम की मुलाकात हनुमान जामवंत से होती है. फिर माता सीता का पता चलता है.

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इसके बाद लंका पर चढ़ाई करने के लिए भगवान राम अपने दल बल के साथ रामेश्वरम में एक शिवलिंग की स्थापना करते हैं.

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इस शिवलिंग की स्थापना करके प्रभु राम ने भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया था. जिसके बाद भगवान भोलेनाथ ने प्रभु को लंका विजय का आशीर्वाद दिया था.

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इस शिवलिंग की स्थापना में जामवंत के आग्रह करने के बाद उनके दुश्मन रावण ने आचार्य की भूमिका निभाई थी.

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कंबन रामायण में मिलता है कि रावण माता सीता को भी इस पूजा में शामिल करने के लिए लंका से रामेश्वरम लेकर आया था.

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धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना प्रभु श्री राम ने अपनी विजय सुनिश्चित करने के लिए की थी. रावण ने मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया था, जिस ज्योतिर्लिंग की पूजा आज भी होती है.

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