हिंदू धर्म में त्योहारों का काफी ज्यादा महत्व होता है, इसमें दिवाली की रौनक काफी ज्यादा रहती है, दिवाली के त्योहार को चारों तरफ धूम- धाम से मनाया जाता है, पं. सर्वेश शास्त्री के अनुसार दिवाली के बाद खील-बताशे खाना काफी शुभ होता है, जानिए इसे कब खाना चाहिए.
खास त्योहार
दिवाली को हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और खास त्योहार माना जाता है. इस बार यह 31 और 1 नवंबर को है.
कई तरह का भोग
इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने के बाद कई तरह का भोग लगाया जाता है.
दिवाली की पूजा
इन्हीं भोग में से एक खील और बताशे भी हैं, जिन्हें दिवाली की पूजा में उपयोग किया जाता है.
आईये जानते
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका पूजा के बाद क्या करना चाहिए? अगर नहीं तो आईये जानते हैं.
पेड़ के नीचे
दिवाली की पूजा के बाद कई लोग खील-बताशे अगली सुबह को पेड़ के नीचे रख आते हैं. इससे पूजा का फल नहीं मिलता बल्कि दोष लगता है.
5 हिस्सों में
दिवाली की पूजा के बाद सुबह खील-बताशों को 5 हिस्सों में बांटना चाहिए. जिसमें पहला हिस्सा गाय, दूसरा गरीब, तीसरा पक्षी, चौथा पीपल, और पांचवा हिस्सा घर के लोगों का माना जाता है.
खील-बताशे
शास्त्रों के मुताबिक आप खील-बताशे के चारों हिस्सों को सही जगह पर पहुंचाने के बाद उन्हें खा सकते हैं.
पूजा में बताशे
दरअसल सफेद और मीठे बताशे का संबंध शुक्र से होता है, जो धन देने वाला ग्रह है. ऐसे में मां लक्ष्मी और शुक्र की कृपा पाने के लिए बताशे पूजा में अर्पित होते हैं.
सलाह
यहां पर जानकारी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर दी गई है, इसे अपनाने से पहले पंडित जी की सलाह जरूर लें.