5 हजार साल पहले बना था पहला दीपक; मोहनजोदड़ों की खुदाई में मिले थे अवशेष
Abhinaw Tripathi
Oct 28, 2024
History of Deepak
दिवाली का त्योहार नजदीक है. इस त्योहार पर घर में काफी ज्यादा रौनक होती है. दिवाली पर लोग घरों में दीपक जलाते हैं, कभी मन में ये विचार आया कि पहला दीपक कब बना था, शायद नहीं आया होगा, अगर ऐसा तो आइए जानते हैं इसके इतिहास के बारे में.
दीपक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपक, मोमबत्ती और कंदील के पहले मनुष्य ने आग जलाना सीख लिया था, ऐसा कहा जाता है कि पहले आग के लिए वनस्पति तेलों, पत्तियों और लकड़ियों को जलाया जाता था.
ठोस वस्तु
कहा जाता है कि आग के अविष्कार के बाद मनुष्य ने आग को किसी ठोस वस्तु पर जलाना शुरू किया, ताकि इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सके. माना जाता है इसी दौरान दीपक की खोज हुई थी.
पत्थर को तराशकर
ऐसा कहा जाता है कि शुरूआत में दीपक पत्थर को तराशकर बनाए गए होंगे, लेकिन धीरे-धीरे सभ्यता के विकास के साथ मिट्टी के दीपक बनाए गए.
5 हजार साल
दीयाबत्ती या मोमबत्ती का आविष्कार भी 5 हजार साल से पहले हो गया था, इसके लिए वनस्पति तेल या जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल होता था.
1830 में
पैराफिन वैक्स जिसे आज मोम कहा जाता है उसे सन 1830 में खोजा गया था. घरों में रोशनी के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
मोहन जोदड़ो
भारत में दीपक का इतिहास प्रामाणिक रूप से 5000 सालों से भी ज्यादा पुराना हैं जब इसे मोहन जोदड़ो के काल में जलाया जाता था.
सड़कों के दोनों ओर
इसके अलावा लटकाए जाने वाले दीप मिले थे और सड़कों के दोनों ओर के घरों तथा भवनों के द्वार पर दीपक लगाए जाते थे, इन द्वारों में दीपों को रखने के लिए कमानदार नक्काशीवाले आलों का निर्माण किया गया था.
पके दीपक
पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की गई मोहन जोदड़ों की खुदाई के दौरान यहाँ मिट्टी के पके दीपक मिले थे, यहां कमरों में दियों के लिये आले या ताक़ बनाए गए थे.