Kheti Kisani

मध्य प्रदेश के अशोक नगर के रहने वाले युवा किसान मोहन सिंह इस समय चर्चाओं में हैं. इसकी वजह है उनकी आधुनिक तकनीकी से की गई खेती. जिसमें वो मोटी कमाई कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि उनकी खेती में क्या खासियत है.

Abhinaw Tripathi
Aug 20, 2023

मिली असफलता

अशोकनगर के बलनाई गांव के रहने वाले किसान मोहन सिंह ने खेती में कई तरह का प्रयोग किया लेकिन इन्हें सफलता नहीं मिली उनकी बागवानी की खेती बगीचे की खेती असफल रही.

इस साल शुरु की खेती

मोहन सिंह ने साल 2015 में खीरे की खेती शुरु की जिस पर लगातार उन्होंने काम किया जिसका नतीजा है कि आज उन्हें खीरे और टमाटर की खीतें में मोटी कमाई होती है.

ये रही तकनीकी

मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक मोहन सिंह ने बताया कि खीरे के खेती के लिए ड्रिप और मल्चिंग विधि से खेती करने पर आमदनी बढ़ती है. इसके लिए 40 हजार रुपए एक एकड़ में लागत आती है.

लागत

इसकी खेती करने के लिए एक एकड़ में 200 ग्राम बीज की जरुरत होती है. अच्छे किस्म के 200 ग्राम के खीरे के बीज 5 हजार रुपए तक की लागत में मिल जाते हैं.

मिट्टी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खीरे की खेती करने के लिए मिट्टी का चयन काफी अहम होता है. इसके लिए बालू वाली मिट्टी काफी उपयोगी साबित होती है.

बीज

खीरे की खेती में दूसरी चुनौती अच्छे बीजों की होती है. इसके लिए अधिक गुणवत्ता वाले बीज मिलना मुश्किल होता है ऐसे में इसके विशेषज्ञों से जानकारी जुटाई जाती है.

बुवाई

एक रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा है कि बुवाई के दौरान कतार से कतार 5 फीट, दो पौधों के बीच में 2.5 फीट की दूरी होनी चाहिए, इसके अलावा इसमें मल्चिंग पेपर का इस्तेमाल किया जा सकता है.

तापमान

खीरे की खेती के लिए तापमान बहुत महत्वूर्ण माना जाता है. पौधों को विकसित होने के लिए 18 से 24 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए, इसमें प्राकृतिक खाद का प्रयोग करना भी जरुरी है.

मुनाफा

मीडिया को जानकारी देते हुए मोहन सिंह ने बताया कि वो एक साल में चार बार उत्पादन करते हैं और हर तीसरे महीने ढाई लाख की कमाई कते हैं, इसमें एक सीजन में लागत सिर्फ 40 हजार रुपए लगती है.

बन गए उदाहरण

मोहन सिंह ने अपनी खेती की बदौलत और लोगों के लिए उदाहरण बन गए हैं, वो इस समय आधुनिक तकनीकी के जरिए लाखों की कमाई कर रहे हैं.

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