5 ऐसे योद्धा जो त्रेता और द्वापर दोनों ही काल में थे मौजूद

युग

त्रेता और द्वापर दोनों ही ऐसे काल हैं जिनका सनातन धर्म में विशेष महत्व है.

महापुरुष

पुराणों के अनुसार कुछ महापुरुष ऐसे हैं जिन्होंने त्रेता युग और द्वापर युग दोनों देखे हैं.

संबंध

त्रेता और द्वापर दोनों युगों में ऐसे कई योद्धा थे जिनका इन दोनों युगों से गहरा संबंध था.

परशुराम

भगवान परशुराम का उल्लेख महाभारत और रामायण दोनों युग में है. त्रेता में सीता स्वयंवर में राम जी को चुनौती दी और द्वापर में कर्ण व भीष्म को शिक्षा दी थी.

हनुमान जी

त्रेता ​​में हनुमान जी ने राम जी की सेना का नेतृत्व किया था और द्वापर में अर्जुन के रथ पर विराजमान थे.

जामवंत

त्रेता में सुग्रीव के मंत्री राम जी से कुश्ती लड़ना चाहते थे. द्वापर में भगवान राम ने कृष्ण के अवतार में उनकी इस इच्छा को पूरी की थी.

महर्षि दुर्वासा

महर्षि दुर्वासा ऐसे महान पुरुष थे जिन्होंने दोनों युग देखे थे. दुर्वासा के श्राप के कारण लक्ष्मण जी को अपना वचन तोड़ना पड़ा था. द्वापर में कुंती को संतान प्राप्ति का मंत्र दिया.

मयासुर

त्रेता में मायासुर रावण का ससुर था. महाभारत में मायासुर ने माया भवन (इंद्रप्रस्थ) के निर्माण में योगदान दिया था. महाभारत में अर्जुन ने मयासुर को श्रीकृष्ण से बचाया था.

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