गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि किसी भी इंसान का पतन उसी समय शुरू हो जाता है, जब वह अपनों को गिराने के लिए गैरों से सलाह लेने लगता है.
गीता में लिखा है एक साधारण व्यक्ति के साथ किया गया छल आपके विनाश के सारे द्वार खोल देता है. किसी सीधे-साधे व्यक्ति के साथ किये गये धोखे का फल भोगना पड़ता है.
श्रीकृष्ण कहते हैं कि इस धरती पर कर्म की पकड़ से न कोई बचा है और न ही बचेगा. जिसने जो किया है उसकी सजा उसे भुगतनी ही पड़ेगी.
गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि जब अत्याचारों को हंसकर सहन किया जाता है तो उस इंसान का बदला भगवान लेते हैं.