जानिए कैसे निर्धारित होती है कुंभ मेले की तिथि?

(How is the date of Kumbh Mela determined)

Abhay Pandey
Aug 28, 2023

कुंभ मेला का हिंदू धर्म में अहम स्थान

पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित होता है. जिसका हिंदू धर्म में बहुत अहम स्थान है.

कब है अगला कुंभ?

बता दें कि अगला कुंभ मेला 2025 में 9 अप्रैल से 8 मई तक प्रयागराज में होने वाला है.

45 दिनों का होता है कुंभ मेला

कुंभ मेले में 45 दिनों की अवधि के भीतर तीन शाही स्नान शामिल हैं.

कुंभ मेलों के प्रकार

कुंभ मेला 5 प्रकार का होता है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है महाकुंभ मेला, जो हर 144 साल या पूरे 12 साल बाद प्रयागराज में आयोजित होता है.

पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में

वहीं पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में बारी-बारी से प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में और अर्धकुंभ मेला हर 6 साल में हरिद्वार और प्रयागराज में होता है. वहीं कुंभ मेला हर 3 साल में चार स्थानों पर आयोजित किया जाता हैय माघ कुंभ मेला माघ महीने के दौरान प्रयागराज में हर साल होता है.

कैसे निर्धारित होती है तिथि

कुंभ मेले का समय और स्थान ग्रहों और राशियों की स्थिति से निर्धारित होता है. जिसमें प्रमुख खगोलीय पिंडों में सूर्य और बृहस्पति शामिल होते हैं.

प्रयागराज में कुम्भ मेला

प्रयागराज में कुम्भ मेले का आयोजन तब होता है जब बृहस्पति वृषभ राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मकर राशि में होता है.

हरिद्वार में कुंभ मेला

जब सूर्य मेष राशि में और बृहस्पति कुंभ राशि में प्रवेश करता है तो हरिद्वार कुंभ मेले का आयोजन करता है.

नासिक में कुंभ मेला

जब बृहस्पति और सूर्य दोनों सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तो नासिक में महाकुंभ मेला आयोजित होता है.

उज्जैन में कुंभ मेला

उज्जैन का कुंभ मेला तब लगता है जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है.

VIEW ALL

Read Next Story