कैद में अपना जीवन...जिंदगी में जान डाल देंगे भगत सिंह के विचार

Abhinaw Tripathi
Aug 09, 2024

Bhagat Singh ke Vichar

स्वतंत्रता दिवस पर लोग देश के क्रांतिकारियों को याद करते हैं. उनके सम्मान में कोई न कोई कार्यक्रम होता है. ऐसे में हम स्वतंत्रता दिवस से पहले आपको बताने जा रहे हैं भगत सिंह के विचार.

सोच

आलोचना और स्वतंत्र सोच एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण हैं.

मुझे मतलब है

मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है.

सरफरोशी की तमन्ना

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है.

इंकलाब

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है.

दूसरो के कंधे

जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.

जीवन का लक्ष्य

मेरे जीवन का केवल एक ही लक्ष्य है और वो है देश की आज़ादी. इसके अलावा कोई और लक्ष्य मुझे लुभा नहीं सकता.

जिन्दा रहने की हसरत

जिन्दा रहने की हसरत मेरी भी है, पर मैं कैद रहकर अपना जीवन नहीं बिताना चाहता.

मरकर

मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की ही खुशबू आएगी.

राख का कण

राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है.

प्रेमी

प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं.

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