International Labour Day 2023: 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर मजदूरों के सम्मान में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं. इन कार्यक्रमों में शायरी भी पढ़ी जाती है. देश भर में मजदूरों के ऊपर लिखी सबसे ज्यादा चर्चित शायरियां यहां पढ़ें.

फैज अहमद फैज

हम मेहनतकश जगवालों से जब अपना हिस्सा मागेंगे, इक गांव नहीं इक शहर नहीं हम सारी दुनिया मागेंगे.

अदम गोण्डवी

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है, उसी के दम से रौनक आपके बंगले में आई है.

कांतिमोहन 'सोज़'

ये बात ज़माना याद रखे मज़दूर हैं हम मजबूर नहीं, ये भूख ग़रीबी बदहाली हरगिज़ हमको मँज़ूर नहीं.

मुनव्वर राना

सो जाता है फुटपाथ पे अख़बार बिछाकर, मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाता.

अदम गोण्डवी

बेचता यूं ही नहीं है आदमी ईमान को, भूख ले जाती है ऐसे मोड़ पर इंसान को.

मुनव्वर राना

सो जाते हैं फ़ुटपाथ पे अख़बार बिछा कर, मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते.

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