Javed Akhtar Sher Shayari Poems Ghazals

जावेद अख्तर के शेर! जिसमें है प्यार, दर्द, खुशी, गम और सब कुछ

Abhay Pandey
Apr 07, 2024

मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यों हारा

कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी

जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता

उस दरीचे में भी अब कोई नहीं और हम भी सर झुकाए हुए चुप-चाप गुज़र जाते हैं

तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूं फिर भी शायद निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो

धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है न पूरे शहर पर छाए तो कहना

ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता

तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है

डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

ऊंची इमारतों से मकान मेरा घिर गया कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए

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