इन मंत्र, विधी और भोग से नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा

Shyamdatt Chaturvedi
Oct 20, 2023

शारदीय नवरात्रि

शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलेगी. जिसमें 9 दिनों तक माते के 9 रूपों की पूजा की जाएगी.

नवरात्रि का छठवां दिन

21 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी. आइये जानें मां के मंत्र और भोग

क्यों पड़ा नाम

शुंभ-निशुंभ और उसकी सेना को देखकर देवी को क्रोध आया और वर्ण श्यामल हो गया. इस कारण उनका नाम कालरात्रि पड़ा.

माता का रूप

माता कालरात्रि स्वरूप में माता का वर्ण काजल के समान काला है. वो क्रोध में हैं. चार में से दो हाथों में माता खड्ग और कटोरी धारण करती हैं.

कालरात्रि बीज मंत्र

क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:

कालरात्रि प्रार्थना मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी, वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा, वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी

कालरात्रि स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

कालरात्रि भोग

मां कात्यायनी शहद का को भोग लगाना चाहिए.

माता का प्रताप

मां कालरात्रि की पूजा से असुर और नकारात्मक शक्तियां भयभीत होती. सुलभ और ममतामयी होने के कारण माता को शुभंकरी कहा गया है.

ध्यान दें..!

ये जानकारी सामान्य चर्चाओं, कथाओं और प्रवचनों पर आधारित है. Zee MPCG इसको लेकर दावा नहीं करता है.

VIEW ALL

Read Next Story