कैफ भोपाली के शेर

Kaif Bhopali Sher

Abhay Pandey
Apr 03, 2024

kaif bhopali sher

मेरे दिल ने देखा है यूं भी उन को उलझन में बार बार कमरे में बार बार आंगन में

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उस ने ये कह कर फेर दिया ख़त ख़ून से क्यूं तहरीर नहीं है

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उन से मिल कर और भी कुछ बढ़ गईं उलझनें फ़िक्रें क़यास-आराइयां

kaif bhopali motivational lines

एक कमी थी ताज-महल में मैं ने तिरी तस्वीर लगा दी

कैफ भोपाली के शेर

मुझे मुस्कुरा मुस्कुरा कर न देखो मिरे साथ तुम भी हो रुस्वाइयों में

कैफ भोपाली की शायरी

तुम से मिल कर इमली मीठी लगती है तुम से बिछड़ कर शहद भी खारा लगता है

कैफ भोपाली के शेर हिंदी में

ये दाढ़ियां ये तिलक धारियां नहीं चलतीं हमारे अहद में मक्कारियां नहीं चलतीं

kaif bhopali sher in hindi

इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूं मिरा इश्क़ बे-मज़ा था तिरी दुश्मनी से पहले

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