श्रीमद्भागवत गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो मनुष्य को जीने का सही तरीका बताता है. इसमें भगवान श्री कृष्ण ने कई बातें बताई हैं.
गीता में दी गई शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं और मनुष्य को जीवन जीने का सही मार्ग दिखाती हैं.
गीता का ज्ञान मानव जीवन के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. गीता एक संपूर्ण जीवन दर्शन है और इसका अनुसरण करने वाला व्यक्ति महान होता है.
भगवान कृष्ण ने गीता में बताया है कि मनुष्य का विनाश कब शुरू होता है. आइए जानते हैं
गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति का पतन उसी समय शुरू हो जाता है जब वह अपने लोगों को नीचा दिखाने के लिए अजनबियों से सलाह लेना शुरू कर देता है.
गीता में लिखा है कि किसी साधारण व्यक्ति को धोखा देने से आपके विनाश के सारे द्वार खुल जाते हैं. किसी निर्दोष व्यक्ति को धोखा देने का परिणाम आपको भुगतना ही पड़ता है.
श्री कृष्ण कहते हैं कि इस धरती पर कर्म की पकड़ से कोई नहीं बच पाया है और न ही कोई बच पाएगा. जिसने भी कुछ किया है, उसे उसकी सजा अवश्य भुगतनी पड़ेगी.
भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं कि जब अत्याचार को हंसते हुए सहन किया जाता है तो भगवान उस इंसान का बदला लेते हैं.