मृत्यु शैय्या पर लेटे हुए भीष्म पितामह ने अर्जुन को दिया था ये उपदेश, जानें

Mahabharata Story

महाभारत से जुड़ी हुई कई कहानियां प्रसिद्ध है. ऐसे ही हम आपको बताने जा रहे हैं मृत्यु शैय्या पर लेटे हुए भीष्म पितामह से अर्जन को क्या उपदेश दिया था.

मर्यादा का त्याग

व्यक्ति को कभी भी लालसा में आकर अपनी मर्यादा का त्याग नहीं करना चाहिए.

समाज का कल्याण

सत्ता का उपयोग कभी भी उपभोग के लिए नहीं करना चाहिए, बल्कि कठिन परीक्षण करके समाज का कल्याण करना चाहिए.

पुत्र का प्रजा

एक शासक के लिए अपना पुत्र और प्रजा एक समान होनी चाहिए.

सुख की लालसा

तुम जीत जाओ तब भी न घमंड में आना और न ही सुख की लालसा रखना.

दूसरों को कष्ट

ऐसा बात कभी मत करना जिससे दूसरों को कष्ट हो.

मनुष्य का शत्रु

दूसरों का अपमान करना, अहंकार और दम्भ में रहना ही मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु हैं.

कठपुतली नहीं बनता

जो पुरुष भविष्य पर अधिकार रखता है, और समयानुकूल तत्काल विचार कर सकता है, वह दूसरों की कठपुतली नहीं बनता.

कर्तव्य और धर्म

भीष्म पितामह ने अर्जुन से कहा कि अपने कर्तव्य और धर्म को हमेशा सर्वोपरि रखना.

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