आगरा से पहले एमपी में बना था मुमताज का मकबरा; इस वजह से हुआ था ताज महल का निर्माण

Abhinaw Tripathi
Oct 21, 2024

Shahjahan Mumtaz

प्यार की मिसाल कहे जाने वाला ताज महल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के याद में बनवाया था. पर क्या आप जानते हैं कि ताज महल नहीं था मुमताज का पहला मकबरा. मुमताज के शव को तीन बार अगल-अगल स्थानों में दफनाया गया था. आज हम आपको बताएंगे की मुमताज को कहां कहां दफनाया गया था.

भारत ही नहीं विश्व भर में ताज महल को प्यार की मिसाल माना जाता है. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज के लिए ताज महल का निर्माण करवाया था.

बहुत कम लोग जानते हैं कि मुमताज को पहले आगरा में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में दफनाया गया था. साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि आगरा में ही ताज महल का निर्माण क्यों हुआ.

मुमताज का असली नाम अर्जुमंद बानो बेगम था और शाहजहां ने उसे मुमताज महल का नाम दिया था. 14वीं शताब्दी में जब मुमताज अपने बच्चे को जन्म दे रही थी. तब प्रसव के दौरान मुमताज को शारीरिक समस्या से गुजरना पड़ा था.

जिसकी कारण उनकी मौत हो गई थी. मरने से पहले मुमताज ने शाहजहां से वादा लिया था कि उनके मरने के बाद वह दूसरी शादी नहीं करेंगे और उनके लिए एक बेहद खूबसूरत मकबरा बनवाए. शाहजहां ने इस वादे को कबूला था.

ताज महल मुमताज का पहला मकबरा नहीं था. मुमताज की मौत मध्य प्रदेश में हुई थी. मुमताज के मरने के बाद उनके शव को बुरहानपुर के अहुखाना में रखा गया था.

करीब 6 महीने तक ताप्ती नदी के पास बने अहुखाना में मुमताज के साथ ही शाहजहां भी रहने लगे थे क्योंकि उस समय शाहजहां के दुश्मनों का हमला बढ़ता गया था.

शाहजहां ने तब मुमताज की कब्र पर हाथ रख के वादा किया की वह उसके लिए एक ऐसा मकबरा बनवाएगे जैसा किसी ने कभी देखा ना हो.

लगभग 1620 के आसपास मुमताज के शव को ताप्ती नदी से यमुना नदी के दफनाया गया था. करीब 22 सालों तक मुमताज के शव को वहीं रखा गया था.

1632 में ताज महल का निर्माण शुरू हुआ और करीब 1647 तक ताज महल बन कर पूरे तरह से तैयार हो गया. हालांकि 22 साल बाद शाहजहां के मौत के बाद उसके बेटे औरंगजेब ने शाहजहां के शव को भी ताज महल में ही मुमताज के मकबरे के साथ दफनाया.

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