प्रेम पर मुस्कुरा कर प्रेमानंद जी ने कही ये बातें, जानें

Abhinaw Tripathi
Jun 03, 2024

Premanand Ji Maharaj

प्रेमानंद जी के विचारों को सुनना काफी ज्यादा लोग पसंद करते हैं. प्रेमानंद जी लोगों को जीवन की हकीकत से रूबरू कराते हैं. यहां जानिए प्रेमानंद महाराज का प्रेम को लेकर क्या विचार है.

प्रेम में कठिनाई

अक्सर देखा जाता है कि लोग प्रेम में आ रही कठिनाईयों को लेकर परेशान रहते हैं.

भक्त का सवाल

ऐसे ही प्रेमानंद जी के दरबार में एक भक्त ने प्रेम को लेकर महाराज से सवाल किया.

बदली पसंद

भक्त ने पूछा कि महाराज मुझे किसी से प्रेम हो गया था. लेकिन बाद में उसने अपनी पसंद बदल दी.

महाराज मुस्कुराए

पसंद बदलने के साथ- साथ मुझे धोखा भी दे दिया और फिर महाराज ने मुस्कुराकर जवाब दिया.

महाराज का जवाब

महाराज ने कहा कि इसे स्वार्थ बोलो, मोह बोलो, प्रेम बोलकर इसकी बेइज्जती मत करो. प्रेम का अपमान मत करो.

प्रेम विशुद्ध होता है

प्रेम विशुद्ध होता है. अपने प्राणों की बाजी समर्पित करके अपने प्रियतम को रिझाने के लिए होती है.

आकर्षण

यहां एक- दूसरे के शरीर से आकर्षित होकर काम भोग की वासना और स्वार्थ को प्रेम शब्द से संबोधित मत करिए.

लोगों की सच्चाई

अंतिम में महाराज जी ने कहा कि जब स्वार्थ को ठेस पहुंचता है तब पता चलता है कि क्या हालत होती है लोगों की, तब सच्चाई सामने आती है.

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