इश्क कीजे फिर समझिए... यहां पढ़ें निदा साहब की शायरियां
Abhinaw Tripathi
Jun 06, 2024
Nida Fazli
देश भर में बहुत सारे लोग शायरियों के शौकीन होते हैं. उन्हें प्रेम या फिर मोटिवेशनल शायरियां सुनना काफी पसंद होता है. ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं निदा फाजली साहब की शायरियों को. जिसे उन्हें पढ़नी चाहिए.
जहां नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,
कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता.
चल सको तो चलो
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो.
जिंदगी क्या चीज है
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है,
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है.
गुजर क्यूं नहीं जाता
बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता,
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता.
कई बार देखना
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना
मुकद्दर तलाश कर
कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर
किताबों को हटाकर
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
हम जैसे हो जाएंगे
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो,
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएंगे.