MP के इस किले की दीवारें कहती हैं दर्द की दास्तां, इसलिए राजा ने ली थी रानी की जान

Apr 15, 2024

Raisen Historical Fort

भारतीय इतिहास में कई ऐसी कहानियां है जिसे सुनने के बाद लोगों की रूहें कांप जाती हैं. ऐसे ही हम आपको बताने जा रहे हैं एमपी के एक ऐसे किले के इतिहास के बारे में जहां पर राजा ने अपनी ही रानी की जान ले ली थी. इस किले की दीवारें आज भी इसे बताती हैं.

कहां है

यह किला मध्‍य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है. इस किले को लोग रायसेन फोर्ट के नाम से जानते हैं.

कब बना था

यह किला 1200 ई. में बना था, किला शहरी की पहाड़ी पर स्थित है, दो धर्मों की समानता को दर्शाने वाले इस किले के भीतर एक मंदिर और एक मस्जिद है.

अवशेष हैं मौजूद

किले में 9 प्रवेश द्वार और 13 टॉवर हैं, इसके अलावा यहां कई गुंबद और मध्‍यकाल की कई इमारतों के अवशेष भी मौजूद हैं.

शेरशाह सूरी

इस किले का इतिहास गौरवशाली रहा है, यहां कई राजाओं ने शासन किया था, इनमें से एक थे शेरशाह सूरी.

तांबे के सिक्कों को पिघलाना

शेरशाह सूरी ने इस किले को जीतने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था. उन्होंने किले पर राज करने के लिए तोप बनाने के लिए तांबे के सिक्‍कों को पिघलाया था.

धोखे का सहारा

कहा जाता है कि 1543 ई. में शेरशाह सूरी ने इस किले को जीतने के लिए धोखे का सहारा लिया, बताते हैं कि उस समय इस किले पर राजा पूरणमल का शासन था.

राजा ने ली जान

जब राजा पूरणमल को पता चला कि उसके साथ छल या धोखा किया गया है, तो उसने अपने दुश्‍मनों से अपनी पत्‍नी को बचाने के लिए रानी रत्नावली का गला काट दिया.

ऐतिहासिक किला

राजा ये काम आज भी इतिहास के पन्नों पर अंकित है, जिसे सुनने के बाद लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, इस किले को देखने के लिए अब भी लोग आते हैं.

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