सोमनाथ- ये पहली ज्योतिर्लिंग है, जो गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है.

मल्लिकार्जुन- ये दूसरी ज्योतिर्लिंग है, जो आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे स्थित श्रीशैल पर्वत पर है. यहां शिव जी देवी पार्वती के साथ ज्योति के रूप में विराजित हैं.

महाकालेश्वर- MP के उज्जैन जिले में महाकालेश्वर विराजित हैं. यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है.

ओंकारेश्वर- MP के खरगोन जिले में स्थित यह ज्योतिर्लिंग ऊं आकार में है. यहां मां नर्मदा भी हैं.

केदारनाथ- उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम पांचवी ज्योतिर्लिंग है. यहां शिव जी ने पांडवों को बेल के रूप में दर्शन दिए थे.

भीमाशंकर- महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है.

काशी विश्वनाथ- उत्तर प्रदेश के बनारस जिला स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग सातवीं ज्योतिर्लिंग है. यहां महादेव के साथ माता पार्वती भी विराजित हैं.

त्र्यंबकेश्वर- महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है. यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश की एक साथ पूजा होती है.

वैद्यनाथ- यह झारखंड के देवघर में परली ग्राम के निकट स्थापित है.

नागेश्वर- गुजरात के द्वारका स्थित इस ज्योतिर्लिंग में नागों के ईश्वर के रूप में शिव जी की पूजा की जाती है.

रामेश्वरम- तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित है. हां पर भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शिव की पूजा की थी.

घृष्णेश्वर- महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले पास स्थित एलोरी गुफाओं के पास घुष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग है.

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