गुलज़ार साहब की वो चुनिंदा शायरियां जो सीधे दिल को छू जाती हैं

Ranjana Kahar
May 30, 2024

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है, कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता.

आप के बाद हर घड़ी हमने आप के साथ ही गुज़ारी है.

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है, मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है.

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता, कोई एहसास तो दरिया की अना का होता.

आइना देख कर तसल्ली हुई, हम को इस घर में जानता है कोई.

तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं, वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं.

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो, कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी.

दर्द हल्का है सांस भारी है, जिए जाने की रस्म जारी है.

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