Mahabharata Story: एक वादे पर कर्ण ने बक्शी थी इतने पांडवों की जान, जानें

Abhinaw Tripathi
May 31, 2024

Mahabharata Story

महाभारत से जुड़ी कई सारी कहानियां लोगों को प्रभावित करती हैं. महाभारत के युद्ध में अर्जुन औऱ कर्ण की दुश्मनी जग जाहिर थी. हालांकि इस युद्ध में कई ऐसे मौके आए जब कर्ण ने अपना वचन निभाने के लिए अन्य पांडवों को छोड़ दिया था. जानिए ऐसा उसने क्यों किया था.

जमीन की मांग

पांडवों ने दुर्योधन से रहने के लिए पांच गांव मांगा था. जिस पर जवाब देते हुए दुर्योधन ने कहा कि तुम्हें सुई के नोंक के बराबर भी जमीन नहीं मिलेगी.

कृष्ण से दुर्व्यवहार

इसके बाद कृष्ण ने कौरवों को समझाया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बात नहीं मानी. साथ ही साथ कृष्ण के साथ दुर्व्यवहार भी किया.

शांति समझौता

शांति समझौते के लिए कर्ण के पास कुंती भी आईं थी. उन्होंने कर्ण को कहा की तुम मेरे ही पुत्र हो और अपने भाईयों को शत्रु समझ बैठे हो.

कर्ण का वचन

कुंती ये बात सुनकर कर्ण ने उन्हें वचन दिया कि मां महाभारत युद्ध खत्म होने के बाद भी आपके पांच पुत्र जिंदा रहेंगे.

अर्जुन से दुश्मनी

अगर मैं युद्ध में मर गया तो आपके पांच पुत्र रहेंगे और अगर अर्जुन मर तो भी आपके पांच बेटे जीवित रहेंगे.

कर्ण की पराजय

महाभारत के युद्ध में पांडवों और कौरवों की सेना के बीच भीषण युद्ध हुआ. इसमें कर्ण की पराजय हुई और युद्ध भूमि में वो मारा गया.

कर्ण ने निभाया वादा

हालांकि कहते हैं कि कर्ण अपने वचन को पूरा किया और भीम, नकुल, सहदेव उसके रथ के सामने निहत्थे आ गए थे लेकिन उन पर बाण नहीं चलाया.

अपमानित हुए भीम

इस पर अपमानित होकर भीम ने कर्ण को बहुत भला बुरा कहा, पर हर बार कर्ण ने अपने वचन को निभाया और सिर्फ अर्जुन से युद्ध किया.

यहां दी गई जानकारियां धार्मिक ग्रंथो के माध्यम से ली गई है. इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप धार्मिक ग्रंथो को पढ़ सकते हैं.

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