Munawwar Rana: मशहूर शायर मुनव्वर राणा इस समय हॅास्पिटल में एडमिट हैं. उनके चाहने वाले उनके ठीक होने की दुआ कर रहे हैं. डॅाक्टरों के मुताबिक उनके लिए अगले 72 घंटे काफी अहम हैं. यहां पढ़ें उनके कुछ शेर जो काफी ज्यादा चर्चित हुए हैं.

Zee News Desk
May 26, 2023

तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म होता है, फिर आंखें खोल ली जायें कि सपना खत्म होता है.

नये कमरों में अब चीजें पुरानी कौन रखता है, परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है.

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई.

अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है, जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है.

उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर, ये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गया.

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है, मां दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है.

अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा, मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है.

एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना.

किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा, अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा.

पचपन बरस की उम्र तो होने को आ गई, लेकिन वो चेहरा आँखों से ओझल न हो सका.

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