छत्तीसगढ़ में कई ऐसे मंदिर है जो देश भर में फेमस हैं. ऐसा ही एक मंदिर बलौदाबाजार जिले में है, यहां पर भाई बहन एक साथ पूजा नहीं कर सकते हैं, इसके पीछे की क्या वजह है, जानते हैं.
बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो यहां के मंदिर न सिर्फ आस्था के केंद्र हैं बल्कि उनकी मान्यताएं भी दुनिया को आकर्षित करती है.
ऐसा ही एक मंदिर बलौदाबाजार जिले के कसडोल के पास नारायणपुर गांव में शिव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है.
इस मंदिर का प्राचीन और धार्मिक महत्व यह है कि इस मंदिर में भाई-बहन एक साथ नहीं करने नहीं जा सकते.
आप भी सोच रहे होंगे की आखिर क्यों इस मंदिर में भाई-बहनों का एक साथ जाना वर्जित है.तो आइए जानते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने वाला प्रधान शिल्प का नाम नारायण था. वह जनजाति समुदाय का था. उन्हीं के नाम पर ही इस गांव का नाम रखा गया है.
इस मंदिर को बनाने में लगभग 6 महीने लगे थे. शिल्पी नारायण रात में नग्न होकर मंदिर का निर्माण किया करता था और उसकी पत्नी उसके लिए खाना लाती थी.
एक दिन उसकी बहन खाना लेकर निर्माण स्थल पर आ गई. अपनी बहन को देख वह शर्मिंदा हो गया और उसने मंदिर के शिखर से कूदकर आत्महत्या कर ली. तभी से इस मंदिर में भाई-बहन का आना वर्जित है.
एक पक्ष ऐसा भी कहता है कि भाई बहन को एक साथ दर्शन करने के लिए इसलिए मना किया गया है. क्योंकि इस मंदिर के दीवारों पर उकेरी गई हस्त मैथुन की मूर्तियां बनाई गई हैं.