छत्तीसगढ़िया में बनी पहली फिल्म का नाम 'कही देबे संदेश' है.
यह छत्तीसगढ़ी भाषा की पहली फिल्म है.
फिल्म 'कही देबे संदेश' 1965 में अनमोल चित्रमंदिर प्रोडक्शन से रिलीज हुई थी.
इस फिल्म को बनाने में 27 दिन लगे थे.
इस फिल्म में कान मोहन और सुरेखा ने प्रमुख भूमिकाएं निभीई थी.
यह फिल्म एक अनुसूचित जाति के लड़के और एक ब्राह्मण लड़की के बीच अंतरजातीय प्रेम-प्रसंग पर आधारित है.
'कही देबे संदेश' फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया था.
इंदिरा गांधी ने इस फिल्म को देखने के बाद राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाली फिल्म के रूप में इसकी सराहना की थी.
इस फिल्म के निर्देशक, लेखक और निर्माता मानुनायक हैं.