5 नवंबर को अहोई अष्टमी

कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि पर हर साल अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत 5 नवंबर को है.

Anuj Kumar
Nov 05, 2023

अहोई माता की पूजा

भगवान को लगाए भोग को पूजा करने और अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले बच्चों को खिलाया जाता है.

इस दिन व्रत की कथा को सुनते समय अपने हाथ में 7 अलग प्रकार के अनाज रखकर पूजा किया जाता है.

बच्चों के जीवन में सुख-समृद्धि

अहोई माता के व्रत करने से इनकी कृपा बनी रहती है. सुख-समृद्धि बनी रहती है, संतान पर कभी संकट नहीं आता है.

संतानों के जीवन के कष्ट दूर

इस व्रत के पीछे की मान्यता है संतानों के जीवन के कष्ट मिटाना. बच्चों के दिर्धायु जीवन की कामना और जीवन में तरक्की के लिए व्रत

शुभ मुहूर्त करें नोट

अहोई माता की पूजा प्रदोष काल में होती है. इसके लिए शुभ मुहूर्त शाम 5:33 बजे से लेकर 6:52 बजे तक रहेगा.

अहोई माता की पूजा

अहोई माता को रोली, फूल, दीप आदि से से पूजा करें और संतान के सुख-सौभाग्य की कामना करें.

लाल कपड़ा पर करें विराजमान

शाम को प्रदोष काल में मां पार्वती के स्वरूप अहोई माता की तस्वीर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें.

अहोई माता का आशीर्वाद

अहोई माता को भोग लगाने के बाद बच्चों को उनका आशीर्वाद दिलाएं

अष्टमी पर बच्चों को साथ बैठाएं

अहोई अष्टमी की पूजा में अपने बच्चों को भी साथ बिठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद बच्चों को उनका आशीर्वाद दिलाएं

अहोई अष्टमी के दिन करें जाप

संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी के दिन विधि अनुसार पूजा करके ‘ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नमः’ का 11 माला जाप करें.

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