महाराष्ट्र से चला चांदीपुरा वायरस राजस्थान पहुंच गया है.
साबरकांठा और अरवल्ली जिले में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध केस मिले हैं.
हिम्मतनगर सिविल हॉस्पिटल में जून और जुलाई दो महीने के दौरान 4 बच्चों की मौत होने की खबर है.
हॉस्पिटल के असिस्टेंट RMO डॉ. विपुल जानी ने बताया कि हॉस्पिटल में राजस्थान, अरवल्ली और साबरकांठा जिले से 27 जून से 9 जुलाई के दौरान 4 बच्चों की मौत हुई.
वहीं 2 बच्चों का अभी इलाज किया जा रहा है.
मृतक और इलाज करा रहे बच्चों में बुखार, उल्टी-दस्त और मिर्गी का दौरा पड़ने के लक्षण मिले.
चांदीपुरा वायरस का पहला केस 27 जून 2024 को राजस्थान के उदयपुर जिले के पलेचा गांव के 4 वर्षीय बालक की मौत के रूप में पहचान की गई.
इसके बाद 5 जुलाई को अरवल्ली जिले की भिलोडा तहसील के मोटा कंथारिया की 6 वर्षीय बालिका की मौत हो गई.
यह एक ऐसा खतरनाक वायरस है जो सीधे बच्चों के मस्तिष्क में अटैक करता है, जिसके कारण मस्तिष्क में सूजन आ जाती है.
शुरुआत में फ्लू के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन बाद में बच्चा सीधे कोमा में चला जाता है.
इस वाररस का नाम महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के नाम पर है। पहली बार 1965 में इस वायरस से बीमार बच्चे का मामला सामने आया था.
सामान्य रूप से यह वायरस 14 साल से छोटे बच्चे को अपना शिकार बनाता है। यह मच्छर और बड़ी मक्खियों से फैलता है.
सेंड फ्लाई नामक मक्खियों की यह ऐसी प्रजाति है जो कीचड़ में पाई जाती है। बरसात के दिनों में इसकी संख्या तेजी से फैलती है.