एपीजे अब्दुल कलाम का आइडिया

एपीजे अब्दुल कलाम के इस सुझाव पर इसरो ने काम किया और एक नए डिवाइस (मून इम्पैक्ट प्रोब) को यान के साथ अंतरिक्ष में भेजने लिए डिजाइन बदल दिया गया.

चंद्रयान और कलाम

यह मून इम्पैक्ट प्रोब 14, नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 के ऑर्बिटर से अलग होकर चंद्रमा की सतह से टकराया था और चंद्रमा पर पहुंचने वाला पहला भारतीय ऑब्जेक्ट भी बन गया था.

चंद्रयान 3 और महिला वैज्ञानिक

चंद्रयान-3 मिशन में 25 फीसदी महिला वैज्ञानिक शामिल रही है. ये मिशन तकरीबन 615 करोड़ की लागत का रहा है.

मिशन की महिला डायरेक्टर

चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी एक महिला वैज्ञानिक ऋतु करिधाल ने मिशन की डायरेक्टर के रूप में निभाई.

वायरल फोटो

चंद्रमा की सतह पर अंकित छवि, मिटाने योग्य नहीं, ये लिखा हुई ये तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. सच में भारत के इतिहास के पन्नों में 23 अगस्त 2023 का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो चुका है.

पीएम मोदी

चंद्रयान 3 की कामयाबी पर पीएम मोदी ने कहा कि अब चंदा मामा दूर के नहीं रहे. अगला टार्गेट शुक्र और सूर्य मिशन का है.

अब आगे क्या

चंद्रयान-3 में शेप यानी एसएचएपीई नामक उपकरण लगाया गया है. एसएचएपीई का अर्थ है स्पेक्ट्रो पोलरोमेट्री ऑफ़ हैबिटेबल प्लेनेटरी अर्थ.

इसका काम क्या है

चंद्रयान 3 सुदूर ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज करता रहेगा और दूसरे ग्रहों के स्पेक्ट्रोपोलिमेट्रिक संकेतों का पता लगाकर पृथ्वी के समान जीवन वाले ग्रहों को तलाश लेगा.

14 दिन खास

चंद्रयान-3 चांद पर एक लूनार यानि की 14 दिन रहकर काम करेगा और यहां पानी की खोज, खनिज की जानकारी और भूकंप, गर्मी एवं मिट्टी की स्टडी करेगा.

इसरो सबसे पॉवरफुल स्पेस एजेंसी

आज चंद्रयान 3 का सफल होना इसरो को दुनिया की सबसे शक्तिशाली स्पेस एजेंसी में शामिल कर चुका है.

डॉ कलाम का सपना हुआ पूरा

चंद्रयान 3 से मौसम और संचार से जुड़ी जानकारियों को लेकर ज्यादा सटीक भविष्यवाणी कर सकेगा और दुनिया में अपनी थाक जमा सकेगा.

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