अंतिम संस्कार के समय इस वजह से फोड़ी जाती है मटकी

Zee Rajasthan Web Team
Dec 09, 2024

हिंदू धर्म में जब भी किसी की मौत हो जाती है, तो उसका पूरे नियमों के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है. यह 16 हिंदू संस्कारों में से एक माना जाता है.

हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार के समय शव की परिक्रमा छेद वाले मटके से की जाती है और फिर उसे फोड़ दिया जाता है.

अंतिम संस्कार के समय सबसे पहले शव को चिता पर लिटाकर उसकी परिक्रमा की जाती है. फिर कंधे पर पानी भरे मटके को रखा जाता है.

पानी भरे मटके में एक छोटा सा छेद होता है, जिससे परिक्रमा के समय पानी गिरता रहता है, फिर फोड़ा जाता है.

मान्यता है कि शव की परिक्रमा के पीछे दार्शनिक संदेश छिपा है. इसका मतलब है कि जिंदगी छेद वाले घड़े की तरह होती है.

कहते हैं कि जिस तरह से मटके के छेद से पानी टपकता रहता है, उसी तरह से इंसान की आयु भी कम होती जाती है. आखिर में जीवात्मा मनुष्य शरीर को छड़कर चली जाती है.

मान्यताओं के अनुसार, छेद वाले मटके से शव की परिक्रमा के पीछे मुख्य कारण आत्मा और जीवित शख्स का एक-दूसरे से मोह भंग करना है.

छेद वाले मटके से शव की परिक्रमा के पीछे अन्य कारण शव का पुराने जमाने में खेत में जलाया जाना भी माना जाता है.

परिक्रमा के समय खेत में छेद वाले मटके से पानी गिराने का कारण यह भी है कि शव जलते समय आग बाहर न फैले.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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